जीण माता, जिन्हें जीण भवानी, जीण माता जी, या जीणधारी माता के नाम से भी जाना जाता है, हिन्दू धर्म की एक अत्यंत पूजनीय देवी हैं। इन्हें माँ दुर्गा का अवतार माना जाता है। ये देवी मुख्य रूप से राजस्थान, हरियाणा, उत्तर भारत और मारवाड़ी समाज के कई हिस्सों में कुलदेवी के रूप में प्रतिष्ठित हैं।
नाम "जीण" का अर्थ है — जिसे कोई हानि न पहुँचा सके, जो अमर हो।
माँ जीण को सत्य, शक्ति और भक्ति की प्रतीक माना जाता है।
वे भक्तों की हर मनोकामना पूरी करने वाली और संकटों से रक्षा करने वाली देवी हैं।
नवरात्रि के समय: सुबह 4:00 बजे से रात 10:00
आरती का समय:दर्शन पूरी तरह निःशुल्क (Free) हैं।
जीन माता मंदिर, राजस्थान के सीकर जिले में अरावली पहाड़ियों के बीच जीनवास गाँव में स्थित है। यह मंदिर लगभग 1200 वर्ष पुराना (8वीं शताब्दी) माना जाता है और इसे एक शक्ति पीठ के रूप में पूजा जाता है। मंदिर का इतिहास न केवल धार्मिक, बल्कि ऐतिहासिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है। नीचे इसके ऐतिहासिक पहलुओं का विस्तार से वर्णन है:
जयपुर से:
दूरी: लगभग 108 किमी
मार्ग: जयपुर → चोमू → रींगस → रेवासा → जीन माता मंदिर।जयपुर से बस, टैक्सी या कैब से NH52 (जयपुर-सीकर राजमार्ग)
सीकर से:
दूरी: लगभग 29 किमी (लगभग 40-50 मिनट का सफर)।
मार्ग: सीकर → रेवासा → जीन माता मंदिर।सीकर से बस, टैक्सी या कैब
नजदीकी रेलवे स्टेशन: सीकर जंक्शन
नजदीकी हवाई अड्डा: जयपुर इंटरनेशनल एयरपोर्ट
जीन माता मंदिर की पौराणिक कथाएँ इसकी शक्ति और चमत्कारों को उजागर करती हैं। ये कथाएँ भक्तों के बीच गहरी आस्था का आधार हैं और मंदिर की महिमा को बढ़ाती हैं। नीचे प्रमुख पौराणिक कथाएँ दी गई हैं:
कुलदेवी के रूप में मान्यता
कुलदेवी के रूप में मान्यता
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